Thursday, 15 September 2016

चिकनगुनिया रोग से बचाव

चिकनगुनिया ने कहर  मचा रखा है चिकनगुनिया का बुखार या असर लम्बें समय तक चलने वाला एक किस्म का जोडों का रोग है जिसमें बुखार और जोडों मे भारी दर्द होता है। 

 ये रोग मच्छर के कटने से होता है मच्छर के काटने के बाद इस रोग को शरीर मे आने में  2 से 4 दिन का समय फैलने मे लगता है, रोग के लक्षणों मे तेज  ज्वर, धड और फिर हाथों पैरों पे चकते बन जाना, शरीर के विभिन्न जोडों मे दर्द  होना शामिल है। इसके अलावा सिरदर्द, रौशनी से डर  लगना, आखों मे दर्द होना शामिल है,

 ये लक्षण  आम तौर पर 5 से 7 दिन तक चलतें है रोगियों को लम्बे समय तक जोडों की पीडा हो सकती  है  इस रोग से  बचाव का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों  से बचना है   उन दवाओं का प्रयोग करना चाहिए जिनसे मच्छर दूर भाग जाते है जैसे ओडोमोस क्रीम   शरीर पर मलना लम्बी बाजू के कपडे तथा पतलून पहन लेने से,  मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती लगा लेने, जालीदार खिडकी दरवाजों के प्रयोग से भी लाभ होता है

इस रोग का कोई उपचार नहीं है, ना ही इसके विरूद्ध कोई टीका मिलता   है अंग्रेजी दवा लेनी हो तो मात्र लक्षणों के अनुसार दवा दी जाती है  बुखार में पेरासिटामोल के अलावा  कुछ नहीं दे सकते। गंभीर मामलों मैं अस्पताल जाना चाहिए। सुना है होमिओपैथी मैं इस रोग की संतोष जनक दवा उपलब्ध है लेकिन ये दवा भी योग्य होमेओपेथी डॉक्टर से ही लेना चाहिए।