Wednesday, 21 September 2016

गठिया से बचने का देसी इलाज ...


गठिया एक प्रकार का हड्डियों का रोग है. जिसमें हड्डियों में  दर्द रहता है. कई बार हड्डियां  टेडी होकर चलना फिरना भी मुश्किल कर देती हैं 

 इसलिए यदि आप चाहते हैं कि  आप गठिया से बचे रहें तो आपको हड्डियों को मजबूत तरखना होगा. हड्डियां मजबूत रहती हैं प्रयाप्त मात्रा में  कैल्शियम लेने से, इसलिए आपके खाने में पर्याप्त कैल्शियम लेना  चाहिए। इससे हड्डियाँ कमजोर पड़ने का खतरा नहीं रहता। 

कैल्शियम घरेलु आहार में  तो दूध,पनीर,दही, आइस क्रीम में  मिल जाता है अगर दूध नहीं पीना चाहते तो दही,  पनीर, और आइसक्रीम खाएँ। 

यदि मांसाहारी है तो कैल्शियम के लिए मछली ले सकते हैं. मछली, विशेषकर सलमोन (काँटे सहित) भी कैल्शियम का अच्छा जरिया  है।

भरपूर नाश्ता अच्छा करें। नाश्ते में फल, ओटमील खाएँ और पानी पीएँ। जहाँ तक मुमकिन हो चाय कॉफी के सेवन से  से बचें।

काम करते समय ध्यान रखें की अधिकतम ४०-४५ मिनट  से ज्यादा लगातार न बैठें , ५ मिनट  के लिए चहलकदमी करके फिर से काम में लगें 

४० साल की उम्र के बाद नियमित रूप से खून की जांच कराएं नियमित रूप से अपने सामर्थ्य के हिसाब से व्यायाम करना न भूलें.  सादा विचार रखें. 

यदि कभी बीमार नहीं होना चाहते तो... .

क्या आप जानते हैं कि खुश रहने से, हँसते रहने से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढती है जिस से हम  कम बीमार पड़ते है |
खुश रहने से और हंसने  से  हमारे शरीर से केलोरी भी बर्न होती है जो  हलके फुल्के व्यायाम के लाभ के बराबर होती है |
खुश रहने से और हंसने  से  हमारे शरीर की खून की नसों मैं खून का  का प्रवाह बढ़ता है जिस से हमेँ  अधिक ओक्सीजन मिलती है |
खुश रहने से और हंसने  हमारे मूड में ताजगी रहती है  और हमारे आत्मविश्वास  में इजाफा होता है  जिससे हम जरा जरा सी बात पर झगड़ा नहीं करते .

यदि कभी बीमार नहीं होना चाहते तो... . खुश रहें, हँसते रहें. 


Tuesday, 20 September 2016

बुढ़ापे को दूर करने का देसी इलाज ...


जी हाँ बुढ़ापे को दूर करने का देसी इलाज है जैतून का तेल. यानि ओलिव आयल. 

बुढ़ापे की झुर्रियां  कैसे दूर करें।  ओलिव आयल  झुर्रियों का दुश्‍मन है 

 इस तेल को हफ्ते में तीन बार नींबू के रस में मिला कर चेहरे की हलकी हलकी एक मिनट  तक मालिश करें, इससे न सिर्फ झुर्रियां भागेगीं बल्कि चेहरे की रंगत में भी चमक जाएगी  आएगा।

 रुखे, बेजान, फटे होठों पर ऑलिव ऑयल कि हल्‍की मालिश सुबह शाम करें इससे आपके होंठ कोमल और जवान हो जाएगें।

मेकअप हटाने के लिए कई बार जिन क्रीमों का इस्तमाल किया जाता है, उसी से त्वचा ख़राब हो जाती है.  

जैतून के तेल को मेकअप रिमूवर के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इसके प्रयोग से त्वचा रूखी भी नहीं होती और त्वचा का रंग गोरा होता है। यह त्वचा को नुट्रिशन  प्रदान करता है।

Friday, 16 September 2016

मच्छरों को भगाओ, चिकनगुनिया, डेंगू को हराओ.


दोस्तों कभी हम लोग मजाक मजाक में कह देते हैं तू तो मच्छर है. तुझे तो वैसे ही मसल दूं  लगता है ये बात मच्छरों ने सुन ली है और वो अपनी ताकत की लीला दिखने मैं जुट गए हैं.
चिकनगुनिया और डेंगू , मलेरिया का कहर सब जगह देखने को मिल रहा है . इनसे बचना चाहते तो नीचे लिखी सलाह मानो.

मच्‍छर दानी या मच्‍छर निवारक क्रीम, कोइल ,मैट का इस्तमाल करें।
कीटनाशकों का छिडकाव करा लेना ,पास के गड्ढों या नालों में पानी जमा न होने देंना । पानी के बर्तनों  को ढ़क कर रखना , घर मोहल्ले को  साफ रखना । मच्‍छर दानी या मच्‍छर निवारक क्रीम, कोइल ,मैट का जरूर इस्तमाल करना । 

मच्छरों को भगाओ, चिकनगुनिया, डेंगू को हराओ.

Thursday, 15 September 2016

चिकनगुनिया रोग से बचाव

चिकनगुनिया ने कहर  मचा रखा है चिकनगुनिया का बुखार या असर लम्बें समय तक चलने वाला एक किस्म का जोडों का रोग है जिसमें बुखार और जोडों मे भारी दर्द होता है। 

 ये रोग मच्छर के कटने से होता है मच्छर के काटने के बाद इस रोग को शरीर मे आने में  2 से 4 दिन का समय फैलने मे लगता है, रोग के लक्षणों मे तेज  ज्वर, धड और फिर हाथों पैरों पे चकते बन जाना, शरीर के विभिन्न जोडों मे दर्द  होना शामिल है। इसके अलावा सिरदर्द, रौशनी से डर  लगना, आखों मे दर्द होना शामिल है,

 ये लक्षण  आम तौर पर 5 से 7 दिन तक चलतें है रोगियों को लम्बे समय तक जोडों की पीडा हो सकती  है  इस रोग से  बचाव का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों  से बचना है   उन दवाओं का प्रयोग करना चाहिए जिनसे मच्छर दूर भाग जाते है जैसे ओडोमोस क्रीम   शरीर पर मलना लम्बी बाजू के कपडे तथा पतलून पहन लेने से,  मच्छर भगाने वाली अगरबत्ती लगा लेने, जालीदार खिडकी दरवाजों के प्रयोग से भी लाभ होता है

इस रोग का कोई उपचार नहीं है, ना ही इसके विरूद्ध कोई टीका मिलता   है अंग्रेजी दवा लेनी हो तो मात्र लक्षणों के अनुसार दवा दी जाती है  बुखार में पेरासिटामोल के अलावा  कुछ नहीं दे सकते। गंभीर मामलों मैं अस्पताल जाना चाहिए। सुना है होमिओपैथी मैं इस रोग की संतोष जनक दवा उपलब्ध है लेकिन ये दवा भी योग्य होमेओपेथी डॉक्टर से ही लेना चाहिए। 


Thursday, 1 September 2016

घुटनो के दर्द का देसी इलाज ...

 घुटनो के दर्द का देसी इलाज 


1. मेथीदाना तो आपकी  रसोई में होगा ही,मेथीदाने को  बारीक पीस लें| एक चम्मच मेथीदाना चूर्ण सुबह पानी के साथ लें| इससे घुटनो के दर्द मे आराम मिलता है.
2.हर  रोज नारियल की गिरी का एक टुकड़ा खाएँ| यदि ताज़ा नारियल ना मिले तो सूखे नारियल की गिरी खाएँ|
3.हर रोज  ३- ४ लहसुन की कलियाँ पानी की साथ निगल लें|यदि बवासीर है तो ये न लें
 4.. रात  को सोते समय ग्राम हरड़ चूर्ण गुनगुने पानी या दूध के साथ लें|
5.अगर आपका वजन बढ़ गया है तो घटाने का प्रयास करे, अपने घुटनो पर अत्यधिक भार ना आने दे। अन्यथा  दर्द बढ़ता जायेगा। लगातार एक ही मुद्रा में न बैठे रहे,बीच बीच में मुद्रा बदलते रहे। 
6 रोजाना ५ पत्ती तुलसी की सुबह खाएँ|बीच बीच में  कुछ दिनों के लिए छोड़ दें. 
7. घुटने के दर्द वाले  स्थान पर राम देव  का पीड़ान्तक तेल लगाएं| 
8.एक चम्मच हल्दी ,एक चम्मच बुरा और एक चौथाई चम्मच चुना लेकर इसका लेप बनाकर घुटनो पर लगाकर सो जाये, सुबह उठकर गरम पानी से धो ले। कुछ ही दिनों में घुटनो का दर्द गायब हो जायेगा।
9.सरसों के तेल में अजवायन डाल कर उबाल लें, फिर छानकर ठंडा करके प्रतिदिन गरम तेल से घुटनो की मालिश करे , दर्द में  काफी आराम मिलेगा।  
10.दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी ऊतकों की मरम्मत हो जाती है, और ऊतकों की वजह से होने वाले घुटनों के दर्द में आराम हो जाता है।  
11. हर रोज  कुछ देर धूप का सेवन करे, धूप में विटामिन डी कुदरती तौर पर होता है, जो की हड्डियों को दुरुस्त रखता है और घुटनो में दर्द नही होता। 
कैल्शियम युक्त आहार लेते रहे ,हड्डियाँ  स्वस्थ रहेगी तो घुटनो व जोड़ो का दर्द भी नही होगा। 


Saturday, 27 August 2016

MOTAPE SE KAISE BACHEN ?

मोटापे को  कई बीमारियों का जनक माना जाता है। दिल संबंधी, ब्लडप्रेशर संबंधी, गैस संबंधी, डायबिटीज संबंधी आदि कई तरह की बीमारियों का संबंध मोटापे से होता है। 

MOTAPE SE KAISE BACHEN  ?

प्रातः एक गिलास ठंडे पानी में 2 चम्मच शहद घोलकर पीने से भी कुछ दिनों में मोटापा कम होने लगता है। दुबले होने के लिए दूध और शुद्ध घी का सेवन करना बन्द न करें। वरना शरीर में कमजोरी, रूखापन, वातविकार, जोड़ों में दर्द, गैस ट्रबल आदि होने की शिकायतें पैदा होने लगेंगी।  भोजन के अंत में पानी पीना उचित नहीं, बल्कि एक-डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीना चाहिए। इससे पेट और कमर पर मोटापा नहीं चढ़ता, बल्कि मौजूद मोटापा कम हो जाता है। 

सप्ताह में एक दिन उपवास या एक बार भोजन करने के नियम का पालन करना चाहिए। उपवास के दिन सिर्फ फल और दूध का ही सेवन करना चाहिए। सेब में उच्च मात्रा में डाइट्री फाइबर होते हैं. इसमें मिलने वाला फाइबर, फीटोस्ट्रॉल, फ्लेवोनॉयड्स और बीटा-कैरोटीन बैली फैट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. साथ ही ये ज्यादा खाने से भी दूर रखता है. इसमें मौजूद पैक्ट‍िन नामक तत्व भी वजन घटाने में अहम है.

आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं। कमर एकदम पतली हो जाएगी।भोजन में शाक-सब्जी, कच्चा सलाद और कच्ची हरी शाक-सब्जी की मात्रा अधिक और चपाती, चावल व आलू की मात्रा कम रखना चाहिए।आहार भूख से थोडा कम ही लेना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक होता है और पेट बड़ा नहीं होता। पेट में गैस नहीं बने इसका खयाल रखना चाहिए। गैस के तनाव से तनकर पेट बड़ा होने लगता है। दोनो समय शौच के लिए अवश्य जाना चाहिए।
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